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गर्लफ़्रेंड की चुदाई

ये कहानी उस वक्त की है जब मैं MCA कर रहा था। उस वक्त मैं third semester में था। इसी सेमेस्टर में हमारे institute में UP Lucknow से एक लड़की ट्रांसफ़र हुई थी उसका नाम शिप्रा गुप्ता था। वो काफ़ी सुंदर थी। उसका फ़ीगर एक दम मस्त था 36 23 32 का। और वो एक दम गोरी चिट्टी थी। मेरा तो मन उसे पहली बार देकथे ही चोदने का कर रहा था। सो मैने उस से एक दिन मौका पाकर बात शुरु की। मैने पूछा की आप का नाम क्या है। बोली शिप्रा गुप्ता। फिर वो बोली कि मेरा यहां पर कोई दोस्त नहीं है क्या आप मेरे दोस्त बनोगे। जैसे उसने मेरे मन की बात ही छीन ली हो। मैने भी झट से हां कर दिया। उसकि परिवार में उसका younger brother था वो भी BE कर रहा था। उसके पपा बैंक में मैनेजर थे। और उसकी mama house wife thi। ऐसे ही क्लास में आते जाते हम काफ़ी करीब आ चुके थे। एक दिन मौका देख कर मैने उसे I love u बोल दिया। और उसने भी हां कहा। फ़िर एक दिन उसके सभी घरवाले मंदिर के दर्शन करने गये हुए थे।

माय स्वीट एंड सेक्सी फ्रेंड

मैं २५ साल का हूं। मेरी गर्लफ़्रेंड का नाम चारु है वो २२ साल की है। और उसकी फ़ीगर तो ऐसी थी की पूछो मत। वो बहुत ही सुंदर है, एकदम गोरी चिट्टी लम्बे लम्बे काले बाल, हाइट करीब ५'५" और फ़ीगर ३६-२५-३८ है। उसका फ़ीगर मस्त है। हम दोनो घर से बाहर आगरा में एक ही रूम में रह कर पढ़ते थे। मैं ने रूम में पढ़ने के लिये कुछ गंदी किताबें रखी हुई थी। जो एक दिन चारु के हाथ लग गयी। इसलिये मैं अपने लंड और वो अपनी चूत की प्यास नही रोक सके। वो बोली मैं ही तुम्हारी वाइफ़ बन जाती हूं और मुझे अपनी ही समझो और मेरे साथ सेक्स करो। वो जींस शर्ट में आयी और बोली चलो शुरू हो जाओ। उसने मुझे किस करना शुरु कर दिया मेरे लिप्स को वो बुरी तरह से किस करने लगी। मैं भी जोश मे आ गया और उसको किस करने लगा। और उसको अपनी बाहों मे दबाने लगा। उसको मैं ने खींच के बेड पे लिटा दिया और मैं उसके ऊपर आ गया और उसको चूमना शुरु कर दिया। १० मिनट तक मैं उसको चूमता रहा।

बिलदिंग कि हसीना

हमरि बुइलदिनग मेन एक लदकि रेहति थि जिस का नाम सेहर है, और वोह सच मुच सेहर है, वोह बोहुत सेक्सी और सुते है, वोह एक मोदेल से भि ज़यदा खुबसुरत है, वोह हमिशा फ़ितिनग कपरे हि पेहनते है, मेन उस को बोहुत पसनद करता हून, उस के बोहुत से बोय फ़रिएनद स हैन हमरे मोहले मेन जिस मेन से एक मेन भि हून, लेकिन मेन दूसरोन से ज़यदा लुसकी हून, कयोन के मेन अकसर, उसे चोदने के खवब देखता था और आप लोग जनते हि है कया होता है जब दरेअमस सोमे त्रुए।

मेरी गर्ल फ्रेंड रूही

मेरा नाम रमेश है। मैंने अभी अपनी इंजीनियरिंग पूरी की है। मैं अब एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करता हूँ। जहाँ मैं काम करता हूँ वहाँ एक से एक लड़कियां आती हैं। मैं दिखने में बहुत आकर्षक हूँ, मैं जिम जाता हूँ इसलिए बढ़िया तंदुरुस्त शरीर बहुत ही आकर्षक है इसलिए ज्यादातर लड़कियां मेरी तरफ़ आकर्षित हो जाती हैं।  मेरी कंपनी में एक बहुत ही सुंदर लड़की है जो मुझे अक्सर देखा करती थी। लेकिन मैं उससे ज्यादा भाव नहीं देता था। ऑफिस में मेरी सीट बहुत ही बढ़िया जगह पर थी, एकदम गर्ल्स टॉयलेट के सामने, इसलिए कई बार आती जाती लड़कियां मुझे देख कर मुस्कुरा देती थी क्यूंकि मेरी नज़रें बहुत कुछ बयान करती थी।

मेरी गर्ल फ्रेंड के साथ आत्मकथा

मेरा नाम करन है। मैं गोरखपुर का रहने वाला हूं। मेरा एक संयुक्त परिवार है, मेरे घर में पापा, मम्मी, चाचा, चाची रहते हैं. मेरी उम्र २७ साल है मुझे शुरू से ही सेक्स का बहुत शौक रहा है. मुझे लड़कियों में उनकी चूची बहुत पसंद है. उनसे खेलना, चूसना मेरी पहली पसंद है. सेक्स करने से पहले मुझे पार्टनर के साथ खेलने और उसे बहुत ज्यादा उत्तेजित करने में बहुत मज़ा आता है. २ साल घर से दूर हॉस्टल में पढ़ा हूं। उस वक्त मेरे बेड पे मैं और मेरा एक रूम पार्टनर सोते थे.

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मम्मी फ़ार्म हाउस और वो

मेरे पुरखे काफ़ी सम्पत्ति छोड़ गये थे। मेरे पिता की मृत्यु छः-सात साल पहले हो चुकी थी। मेरी मम्मी और उनके मैनेजर ही सारा व्यापार सम्भालते थे। मेरा फ़ार्म-हाऊस घर से बीस बाईस किलोमीटर की दूरी पर था। उसे मैं ही सम्भालता था। फ़ार्म-हाऊस क्या था मेरी ऐशगाह था। मैं दोस्तों के साथ वहाँ पार्टियां करता था। मम्मी उस तरफ़ नहीं आती थी। मैं कॉलेज पढ़ता था ... और कैसे ना कैसे मैं पास हो ही जाता था। मेरी मम्मी का घर में एक अलग ही भाग था, जहाँ पर वो अपने खास सहयोगियों के साथ काम किया करती थी।